युग के विषय में
1. सतयुग
सतयुग की उत्पत्ति कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी को दिन बुधवार के प्रथम प्रहर में श्रवण नक्षत्र के वृद्धि योग में हुईं। इसके 1728000 हैं।
इस युग में भगवान श्री नारायण के चार अवतार हुए- 1. मत्स्य 2. कच्छप 3. वाराह और 4. नृसिंह अवतार । धर्म चार चरणों में पूर्ण था।
2. त्रेतायुग
इस युग की उत्पत्ति वैषाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को दिन सोमवार के दूसरे प्रहर में रोहिणी नक्षत्र एवं शोभन योग में हुई। इसके वर्ष 1296000 हैं।
इस युग में तीन अवतार हुए- 1. श्रीवामन, 2. श्रीपरशुराम 3. श्री रामचन्द्र अवतार।
3. द्वापरयुग
इस युग की उत्पत्ति माद्य कृष्ण-पक्ष की अमावस्या को दिन शुक्रवार के तृतीय प्रहर में घनिष्ठा नक्षत्र, वरियान योग में हुई। इसके वर्ष 864000 हैं।
इस युग में पूर्णब्रम्ह के दो अवतार हुए- 1. श्रीकृष्ण, 2. बलदेव ।
4. कलियुग
इस युग की उत्पत्ति भाद्रपद कृष्ण पक्ष की त्रयोदषी को दिन रविवार के आधी रात्रि के समय में अश्लेशा नक्षत्र व्यतिपात योग में हुई। इसके वर्ष 432000 हैं।
इस में अवतार- 1. बुद्ध 2. कल्कि जो अब होना है।
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